पर्सा ।
बेटी हई आँगनके फूल ।
चलता जेकरासे सारी कुल ।।
खुदे दुख सहके देखावेली ई संसार ।
ऐहिसे त बारी बेटी महान् ।।
देहल हई भगवानके बड्का उपहार ।
उनके बिना मानव जीवन बा बेकार ।।
बनके पहिला गुरु सिखावेली संस्कार ।
ऐहिसे त बारी बेटी महान् ।।
बेटीऐ हई बहिन , बेटीऐ होली माई।
बतिहर भरसे पोसके करेली तैयार ।।
पियाके दुध अमृत समान ।
ऐहिसे त बारी बेटी महान् ।।
ना करेली कबहु कौनो स्वार्थ ।
अनमोल बा जेकर कर्जा ।।
बच्चाके खुसी खातिर होईके बलिदान ।
ऐहिसे त बारी बेटी महान् ।।
राखेली हमेसा सबके सहेजके ।
आपन सुख , शान्ति परहेजके ।।
बहावेली हमेसा ममताके धार ।
ऐहिसे त बारी बेटी महान् ।।
हवे उनकर आशिर्वाद दवाई ।
रहेली हमेसा बनके फरछाई ।।
भगवानसे बढ्के बा उनकर स्थान ।
ऐहिसे त बारी बेटी महान् ।।
नन्दकिशोर साह
कालिका माई गाउँपालिका – १ {रविदास} , पर्सा




