बतिहर भरसे पोसके करेली तैयार ।
पियाके आपन दुध अमृत समान ।।
बनके पहिला गुरु सिखावेली संस्कार ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।
खुदे दु:ख सहके देखावेली ई संसार ।
जेकरा बिना मानव जीवन बा बेकार ।।
जेकरेसे फुले ई सगरो जहान् ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।
ना करेली कबहु कौनो स्वार्थ ।
अनमोल बा जेकर कर्जा ।।
बच्चाके खुसी खातिर होके बलिदान ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।
राखेली हमेसा सबके सहेजके ।
आपन सुख शान्ति सब परहेजके ।।
बहावेली हमेसा ममताके धार ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।
हवे उनकर आशिर्वाद दवाई ।
रहेली हमेसा बनके फरछाई ।।
भगवानसे बढके बा उनकर स्थान ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।
नन्दकिशोर गुप्ता (कवि )