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माई (भोजपुरी कविता)

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बतिहर भरसे पोसके करेली तैयार ।
पियाके आपन दुध अमृत समान ।।

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बनके पहिला गुरु सिखावेली संस्कार ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।

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खुदे दु:ख सहके देखावेली ई संसार ।
जेकरा बिना मानव जीवन बा बेकार ।।

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जेकरेसे फुले ई सगरो जहान् ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।

ना करेली कबहु कौनो स्वार्थ ।
अनमोल बा जेकर कर्जा ।।

बच्चाके खुसी खातिर होके बलिदान ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।

राखेली हमेसा सबके सहेजके ।
आपन सुख शान्ति सब परहेजके ।।

बहावेली हमेसा ममताके धार ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।

हवे उनकर आशिर्वाद दवाई ।
रहेली हमेसा बनके फरछाई ।।

भगवानसे बढके बा उनकर स्थान ।
एहिसे त बारी माई महान् ।।

नन्दकिशोर गुप्ता (कवि )

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